परमेश्वर की योजनायें (युक्तियां)
God’s Strategies – HIN
“परमेश्वर के प्रेम और मसीह के धीरज की ओर प्रभु आपके हृदयों की अगुआई करे।” (2 थिस्सलुनीकियों 3: 5)
एलिय्याह ने अपने देश में मेंह का रुख मोड दिया था हालांकि वह सीमित संसाधनों वाला केवल एक ही व्यक्ति था। विधवा ने अपने लिए नहीं बल्कि परमेश्वर के पुरुष के लिए आखिरी रोटी बनाकर एक अन्तर किया। परमेश्वर अपने लोगों के दिलों में अनूठी सेवा पैदा करता है और उस आज्ञाकारिता को आशीष देता है, जब वे उसकी सर्वोच्च इच्छा के प्रति समर्पण करते हैं।
अक्सर, परमेश्वर की युक्तियों का हमारे लिए कोई मतलब नहीं होता है, क्योंकि उसके विपरीत, हमारे देखने का नजरिया सीमित होता है। जब परमेश्वर एलिय्याह को दुश्मन के इलाके के बीच में ले गया, तो परमेश्वर जानता था कि राजा अहाब के सैनिक को उसे खोजने के लिए यही आखिरी जगह होगी। परमेश्वर यह भी जानता था कि सारपत जाने से एलिय्याह भुखमरी से बच जाएगाए हालांकि सामान्य ज्ञान बताता था कि वहां अकाल था। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि परमेश्वर ने एलिय्याह को दिखाया कि वह बाल की पूजा करने वाली विधवा और उसके परिवार की परवाह करता है।
परमेश्वर के अक्सर कई उद्देश्य होते हैं क्योंकि वह एक साथ कई मोर्चों पर कार्य करता है। यदि हम उनकी अगुवाई का अनुसरण करते हैं, तो हम आशीषित होंगे और दूसरों के लिए आशीष के साधन बन सकते हैं।
क्या परमेश्वर ने कभी आपको कुछ ऐसा करने के लिए प्रेरित किया है जिसका उस समय कोई मतलब नहीं था, लेकिन वह उसकी सर्वोच्च इच्छा थी ? क्या परमेश्वर अब आपसे लोगों, आपके करियर, या आपके वित्त के साथ आपकी आराम दायक स्थिति से बाहर निकलने के लिए कह रहा है ? क्या वह सेवकाई में या उसके साथ आपके संबंध में नए मकाम की खोज करने के लिए आपके हृदय को प्रेरित कर रहा है?
प्रार्थना: पिता परमेश्वर, आपकी युक्तियां मुझे अक्सर असुखद और भ्रमित करती हैं, लेकिन मैं आपकी बुलाहट का पालन करूँगा क्योंकि मुझे पता है कि आप वह देख सकते हैं जो मैं नहीं देख सकता। मुझे भरोसा है कि आप मुझे आशीष देंगे और दूसरों को आशीष देने के लिए मुझे इस्तेमाल करेंगे, क्योंकि मैं आपकी आज्ञा का पालन करता हूं। मैं यीशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ। आमीन ।